उनके लिए खुद को भूल गए बेहतरीन शायरी | Shayari for her Khud Ko Bhool Gaye:- प्यारे दोस्तों कभी-कभी जीवन में ऐसे मोड़ आ जाते हैं जहाँ रिश्तों और यादों की डोर छूटने लग जाती है। जो लोग कभी हमारे करीब हमारे साथ होते थे आज वो हमसे इतने दूर हो गए हैं की जैसे हमारा कोई कभी रिश्ता ही न रहा हो और उनके साथ बिताए गए वो हसीन पल धुंधले से हो जाते हैं। यह कविता उन्हीं भावनाओं को शब्दों में पिरोती है जब इंसान उन रिश्तों को पीछे छोड़ देता है जो कभी उसकी जिंदगी का हिस्सा थे यह शायरी उन यादों की है जो वक्त से साथ कहीं गुम सी हो गई हैं।
कुछ इस तरह की मासूम सी दिल की बातों ओ शायरियो के जरिये आपके सामने रखा गया है की कल तलक जो हमें जन्मदिन की बधाई सबसे पहले देते थे आज वो कैसे हमारा जन्मदिन तक भूलने लग गये है । वो जिनके साथ हमने अपनी हर खुशी बांटी थी अब उनके दिल से हमारा नाम भी मिट गया।
आइये प्यारे दोस्तों अब इस हिंदी की बेहतरीन शायरी उनके लिए खुद को भूल गए को पढ़ते है …
“देखा तुझे जिस-जिसने इक मरतबा
वो फिर घर का पता भूल गए”
उनके लिए खुद को भूल गए-Shayari for her Khud Ko Bhool Gaye
तेरी महफिल मे आके
खुद को भूल गए..
देखा तुझे जिस-जिसने इक मरतबा
वो फिर घर का पता भूल गए..
निकल आये थे जिस रास्ते पे
हम वो रास्ता भूल गए..
वो मार कर गहरी चोट दिल पर
फिर दवा दिलाना भूल गए..
एक रोज लेकर गया था रकम उधार
अब वो रकम भी भूल गए..
कल तक देते थे जो मुबारकबाद
आज वो न जाने कैसे
हमारा जन्मदिन भूल गए..
ए- दीप हमने तो ये किस्सा ही अब खत्म कर हैं दिया
वो हमें भूल गए और हम उन्हें भूल गए..!
~कुलदीप सभ्रवाल
इन शायरियो में एक बिछड़े हुए रिश्तों और खोई हुई यादों की दास्तां को बयाँ किया गया है। सरल शब्दों में उन भावनाओं को बयां किया है जब रिश्ते वक्त के साथ-साथ बह जाते हैं और हम उन लोगों को पीछे छोड़ देते हैं जो कभी हमारे दिल के सबसे करीब हुआ करते थे।
Note:-
इसी तरह और भी बेह्तरीन-बेह्तरीन हिंदी,हरियाणवी,तथा अन्य भाषओं में प्रेरक,सामाजिक,प्रेम,एकतरफा प्यार और ब्रेकअप,जीवन शैली आदि पर लिखी गई काव्य,कविता (उनके लिए शायरी खुद को भूल गए | Shayari for her Khud Ko Bhool Gaye in Hindi) और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी साईट पर आपका स्वागत है अगर आपको पढ़ने के बाद कोई पोस्ट अच्छी लगे तो प्लीज पोस्ट को शेयर और कमेंट करके हमे जरुर बताए हमारी साईट पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद्…
“Kal Tak Dete The Jo Mubarakabad
Aaj Vo N Jane Kaise Hamara Janmadin Bhool Gaye”
Sad Shayari for her Khud Ko Bhool Gaye
Teri Mahaphil Me Aake Khud Ko Bhool Gaye..
Dekha Tujhe Jis-Jisane Ik Martaba
Vo Phir Ghar Ka Pta Bhool Gaye..
Nikal Aaye The Jis Raste Pe Ham
Vo Rasta Bhi Bhool Gaye..
Vo Maar Kar Gahri Chot Dil Par
Phir Dva Dilana Bhool Gaye.
.
Ek Roj Lekar Gya Tha Rakam Udhar
Ab Vo Rakam Bhi Bhool Gaye..
Kal Tak Dete The Jo Mubarakabad
Aaj Vo N Jane Kaise Hamara Janmadin Bhool Gaye..
E-Deep Humne To Ye Kissa Hi Ab Khatm Kar Hain Diya
Vo Hame Bhool Gaye Aur Ham Unhe Bhool Gaye.!
Write by:- Kuldeep Samberwal
“Dekha Tujhe Jis-Jisane Ik Martaba
Vo Phir Ghar Ka Pta Bhool Gaye”
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