अविकारी शब्द किसे कहते हैं?
अविकारी शब्द परिभाषा, भेद आदि सब उदाहरण सहित-
अविकारी शब्द-जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई परिवर्तन उत्पन्न न हो उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं –
Table of Contents
अविकारी शब्द के भेद-मुख्य रूप से चार होते हैं।
(1) क्रिया विशेषण
(2) सम्बधबोधक अव्यय
(3) समुच्चयबोधक अव्यय
(4) विस्मयादिबोधक अव्यय
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?
क्रिया की विशेषता प्रकट करने वाले शब्दो को क्रिया विशेषण कहते है ।
जैसे:-चोर किधर भाग गया। माता जी अभी-अभी गए है।
◆ क्रियाविशेषण भेद विस्तारपूर्वक
क्रियाविशेषण के मुख्य रूप से चार भेद है :-
(1) रितिवाचक क्रिया विशेषण
(2) स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(3) कालवाचक क्रिया विशेषण
(4) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
1. रितिवाचक क्रियाविशेषण :-
जिन शब्दों से क्रिया करने अथवा रीति का बोध हो । इन शब्दों का पता करने के लिए मुख्य क्रिया से पहले कैसे/कैसा लगाकर देखते हैं।
जैसे:- सीता कैसा गाती है?सीता मधुर गाती है।
जिन शब्दों से क्रिया को करने के स्थान बोध हो । इन शब्दों का पता करने के लिए मुख्य क्रिया से पहले कहाँ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-श्याम कहाँ चला श्याम बहार चला गया।
श्याम बहार चला श्याम बहार चला गया।
यहा । वहा, उधर । किधर
3. कालवाचक क्रियाविशेषण :-
जिन शब्दो से क्रिया के करने अथवा होने के समय का पता चले। इन शब्दों का पता करने के लिए मुख्य क्रिया से पहले कब लगा कर देखा जाता है।
जैसे:- पिता जो कब लोट रहे है। कल को लोट रहे है।
शब्द -आज, कल, प्राय, सुबह, श्याम,तत्काल
जिन शब्दों से क्रिया के माप-तोल अथवा मात्रा का बोध हो। इन में मुख्य क्रिया से पहले कितना, कितने, शब्द का प्रयोग होता है।
जैसे:-कितना खाना खाया गया । थोडा सा।
◆ सम्बंधबोधक अव्यय :-
वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकार वाक्य मे प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम, के साथ सम्बन्ध बताए ।का,के,कि
जैसे:-घर के बहार मोहन खड़ा है।
मेरे घर के बहार शिव का मन्दिर है।
दिल्ली के बाद आगरा जायेगा।
◆ समुच्चयबोधक अव्यय :-
किनी दो शब्दों अथवा वाक्यों या वाक्ययांशो आदि को जोडने वाले अविकारी शब्दों को समुच्चयबोधक अव्यय कहते है।
समुच्चयबोधक अव्यय के मुख्य रूप से 2 भेद है-
(1) समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
(2)व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय।
समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय :-
दो समान पदों,वाक्यो या वाक्यांशो को जोडने वाले शब्दो को समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहते है-
वो शब्द है- (एंव, व, और, तथा, अथवा, किन्तु, परन्तु, पर, या)
जैसे:-राम और श्याम अच्छे मित्र है।
राम पुस्तक पढ़ रहा है और श्याम क्रिकेट खेल रहा है।
व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय :-
ऐसे शब्द जो एक मुख्य वाक्य के साथ आश्रित वाक्य को जोड़ने का कार्य करे उन्हें व्यधिकरण समुच्चयध अव्यय कहते हैं।
जैसे:-शाम स्कूल नहीं जा सकता क्योंकि यह बिमार है।
मैने एक ऐसा व्याक्ति देखा जो पांव से लिखता है।
◆ विस्मयादिबोधक अव्यय :-
जिन शब्दो से शोंक, हैरानी,गृहणा, हर्ष, प्रसनता, आदि का पता चले उन्हें विस्मयादि बोधक अव्यय कहते है।
जैसे:-काश! में भी उनके साथ होता।
नोट:- अव्यय का एक अन्य अपवाद रूप भी है।
● निपात :-
वह अव्यय शब्द जिनका वाक्य मे प्रयोग करने से उसके अर्थ में एक विशेष भाव पैदा हो जाता है।
कुछ शब्द है- ही,भी,तक,केवल,मात्र।
-जैसे:-मुझे दिल्ली तक ही जाना है।
राम ने भी मुझे खाने पर बुलाया है।
तुम्हें ही यह कार्य करना पड़ेगा।
-
अविकारी शब्द क्या होते हैं?
अविकारी शब्द-जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई परिवर्तन उत्पन्न न हो उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं –
-
अविकारी शब्दों के उदाहरण क्या हैं?
उदाहरण हैं: और, पर, से, तक, ही, भी, जो, क्यों, कहाँ, कब।
-
अविकारी शब्दों का क्या महत्व है?
अविकारी शब्द वाक्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वाक्यों को जोड़ने, उनका अर्थ स्पष्ट करने और भावों को व्यक्त करने में सहायक होते हैं।
-
अविकारी शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कैसे होता है?
मैं स्कूल से आया हूँ।
वह यहाँ तक आया था।
यह क्यों हुआ?
वह भी आएगा।
Note-
हमने आपको हिंदी व्याकरण में अविकारी शब्द की परिभाषा,भेद,आदि सब उदाहरण सहित-(Avikaari-Sabd Paribhasha, Bhed ) और विस्तार पूर्वक बताने का काम किया है,अगर आपको हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी से जरा सा भी कुछ सिखने को मिले तो हमे कमेंट करके जरूर बताये। बेहतरीन हिंदी काव्य कविता और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी साइट Sapnokdiary.com पर आपका स्वागत है अगर आपको पढ़ने के बाद कोई भी Post अच्छी लगे तो Please Post को ,शेयर और कमेंट करे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद हमारी साइट पर Visit करने के लिए…