Poem On Mohabbat Mai in Hindi|मोहब्बत बदनाम होती जा रही है | लिखी थी जो चिट्ठियां वो अब श्मशान होती जा रही है:-मोहब्बत जो कभी इंसानी दिलों में उत्साह और प्रसन्नता लाती थी, अब बदनाम होती जा रही है। वह प्यार जो दिलों को रोशनी देता था,अब शक और धोखा में डूबता दिखता है। प्रेमियों के दिलों में बसे सच्चे एहसास और वादे अब खोखले और अर्थहीन होते जा रहे हैं।
मोहब्बत\Mohabbat में जो चिट्ठियां एक दूसरे के दिल के गहरे जज़्बातों को बयान करती थीं, आज वो सिर्फ कागज़ का एक टुकड़ा बनकर रह गई हैं। वो इश्क़, जो कभी जान से प्यारा था, अब बेवफाई और धोखे का नाम बन गया है। मोहब्बत का वो अहसास, जो रूह तक को छू लेता था, आज बस एक कहानी बनकर रह गया है। हम इश्क़ के दौर में जी तो रहे हैं, पर वो मोहब्बत कहाँ जो कभी दिलों में धड़कती थी? अब तो चिट्ठियां भी श्मशान की तरह सूनी और उदास हो गई हैं, जैसे मोहब्बत के किस्से भी उनकी राख में दब गए हों।
“मोहब्बत बदनाम होती जा रही है, लिखी थी जो चिट्ठियां, वो अब श्मशान होती जा रही हैं”
Poem On Mohabbat Mai Likhi Thi jo Chhithiyan in Hindi
आज-कल के प्यार को देखते हुए और आज जो हमारे समाज में दिन ब दिन मोहोबत के नाम पर एक-दूसरे के साथ धोखा छलावा हो रहा है उसे एक हिंदी कविता के माध्यम से कुछ बताने के कोसिस की तो आइए देखते है यह बेहतरीन काव्य को…
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है\Poem On Mohabbat Mai in Hindi|
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है
लिखी थी जो चिट्ठियां वो अब श्मशान होती जा रही है
उनके लोट आने की इक कस्क थी मन में
वो भी अब धिरे-धिरे से निशान होती जा रही है..
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है
लिखी थी जो चिट्ठीयां वो अब शमशान होती जा रही है…
माना कि ख्वाब ऊंचे थे इश्क़-ए-फरेब करने वाले के
जो अब उनकी बेवफाई से बेजान होते जा रहे हैं
वक्त बेतहाशा दिया उनको बताने का
पर बता न सके जिसकी वजह से हम परेशान होते जा रहे हैं..
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है
लिखी थी जो चिट्ठीयां वो अब शमशान होती जा रही है…
खिलोना समझ कर खेल गए वो तो
अब क्या कहें किसी को बस बेजुबान होते जा रहे हैं..
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है
लिखी थी जो चिट्ठीयां वो अब शमशान होती जा रही है…
कभी-कभार मिल जाते हैं
अनजान राहों पर वो हंसते-मुस्कुराते
और इक हम है
जो आवारा लोगों की पहचान होते जा रहे हैं..
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है
लिखी थी जो चिट्ठीयां वो अब शमशान होती जा रही है…
मुकाम-ए-मंजिल पा चुके हैं वो तो
अब ज़रा सोचने की बात है “ए-दीप”
क्यों बिना वजह हम उनके कारण अपमान होते जा रहे हैं..
मोहब्बत बदनाम होती जा रही है
लिखी थी जो चिट्ठीयां वो अब शमशान होती जा रही है.!!
~कुलदीप सभ्रवाल
अंत मे बस यही कहना चाहेंगे दोस्तों की अब Mohabbat में न वो कशिश बची है, न वो जुनून। जिस मोहब्बत को कभी इबादत माना जाता था और भगवान की तरह पूजा जाता था, आज वो शक और नफ़रत की भेंट चढ़ती जा रही है। वो रिश्ते, जो कभी आत्मा की आवाज़ हुआ करते थे एक-दूसरे के दुःख दर्द को समझते थे,अब सिर्फ़ ज़रूरतों और फायदों को देखते हुए ही निभाये जा रहे हैं। Mohabbat अब इश्क़ से ज्यादा एक समझौता बनकर रह गई है, और दिल की गहराइयों में उतरने के बजाये किनारे पर ही दम तोड़ने लगी है।
नोट:-
तो बताइये दोस्तों आप सभी को हमारी हिंदी कविता /Poem On”Mohabbat Mai Likh Likh Chiththiyanin”in Hindi | प्यार में “मोहब्बत बदनाम होती जा रही है लिखी थी जो चिट्ठियां वो अब श्मशान होती जा रही हैं” हिंदी कविता कैसी लगी :- अगर हमारे द्वारा कोई भी शब्द गलत लिखा गया है या फिर आपको हमारी इस कविता में कोई भी लाइन अच्छी या बेहद अच्छी लगी है तो उसके बारे में आप हमे कमेंट करके बता सकते है |इसी तरह या फिर और नई-नई कविता,आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहे |और आप इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर करते रहे…
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