गरीबी का आलम | Best Hindi Poem on Garibi ka Aalam:- हे प्यारे पाठकगण हम फिर से लेकर आ गए हैं एक नया लेख जो कि चुनाव नजदीक आ रहे है। और जिस-जिस भी राज्य में अब चुनाव होने वाले है वहाँ-वहाँ वो नेता लोग भी आएंगे जो कभी आपके सुख में दुःख में एक बार भी पूछने तक नहीं आये।
इसलिए दोस्तों ऐसे सभी नेताओं से बचकर रहना जो तुम्हें चंद रुपयों का लालच देकर खरीदना चाहते है। ऐसे नेता आपके क्षेत्र को ले डुबेंगे आप के क्षेत्र का विकास तो दूर आपके गाँव शहर मे ये आकर भी नहीं देखेंगे।
हमारी महिला शक्ति से भी हमारा यही आग्रह है कि उसी नेता को वोट दे जो आपके मान,सम्मान की इज्ज़त करता हो और हमेशा आपके बीच में रहकर के आपकी समस्याओं को सुनता हो न कि बड़े-बड़े भाषणों में ही महिला सशक्तिकरण के नारे लगाता हो।
“दलितों को बहन-भाई बताया जायेगा
हर गली मोहल्ले में नहलाया जायेगा
ऐसा लगने लगेगा जैसे कि ये ही ऊपर वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है”
आइए साथियों पढ़ते है कुछ ऐसे ही समाज विरोधि नेताओं की पोल खोलने वाली इस व्यग्य करती हुई कविता को…
गरीबी का आलम छाने वाला है | Poem on Poor Situation in Hindi
गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
जो आने वाला था वो अब कभी न आने वाला है..
लगे थे इलजाम जीन-जीन पर बड़े-बड़े घोटालों के
वो भी अब मिला लिए गए हैं
जैसे किसी वॉशिंग मशीन में धुलवा दिए गए हैं
ऐसा लगने लगा है जैसे कि ये हिम्मत वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
वादों पर वादे किए जायेंगे
न पिने वालों को भी बोतल-अद्दे दिये जायेंगे
ऐसा लगने लगा है जैसे कि ये बस दो दिन और जीने वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
दलितों को बहन-भाई बताया जायेगा
हर गली मोहल्ले में नहलाया जायेगा
ऐसा लगने लगेगा जैसे कि ये ही ऊपर वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
बेटियों को सर पर बैठाया जायेगा
महिला सम्मान उथान सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाया जायेगा
ऐसा लगने लगेगा जैसे कि यही आब्रु बचाने वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचारी दिखने लगे
लोग 200-500 में जगह-जगह बिकने लगे हैं
ऐसा लगने लगा है जैसे कि चुनाव आने वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
जेब कुछ इस कदर पेंट शर्ट से हटवा दि गई है
जैसे किसी चोर से कटवा दी गई है
ऐसा लगने लगेगा जैसे ये कोई भिख मांगने वाला है..
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है
जो आने वाला था वो अब कभी न आने वाला है
लगता है गरीबी का आलम कुछ इस कदर छाने वाला है.!!
~कुलदीप संभ्रवाल
“वादों पर वादे किए जायेंगे
न पिने वालों को भी बोतल-अद्दे दिये जायेंगे
ऐसा लगने लगा है जैसे कि ये बस दो दिन और जीने वाला है”
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Best Hinglish Poem on Garibi ka Aalam
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Jo aane vala tha vo ab kbhi n aane vala hai..
Lge the ilajam jin-jin par bde-bde ghotalo ke
Vo bhi ab mila liye gye hain
Jaise kisi washing machin mein dhulava dye gye hain
Aisa lagne lga hai jaise ki ye koi himmat vala hai..
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Vadon pr vade kiye jayenge
Bina pine valon ko bhi botal-adde diye jayenge
Aisa lagne laga hai jaise ki ye bas do din aur jine vala hai..
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Dliton ko bahan-bhai btaya jayega
Har gali mohlle mein nahlaya jayega
Aisa lagne lagega jaise ki ye hi upar vala hai..
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Betiyo ko sar pr baithaya jayega
Mahila samman,uthan sashktikran ka path padhaya jayega
Aisa lagne lagega jaise ki yahi Ijat aabru bachane vala hai.
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Bhrshtachar-bhrshtachari dikhne lge hai
Log 200-500 mein jagah-jagah bikne lge hai
Aisa lagne lga hai jaise ki chunav aane vala hai..
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Jeb kuchh is kadar pent shart se hatva di gyi hai
Jaise kise chor se kAtva dI gyi hai
Aisa lgne lagega jaise ye koi bhikh mangne vala hai..
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai
Jo aane vala tha vo ab kbhi n aane vala hai
Garibi ka aalam kuchh is kadar chhane vala hai..
Writer By:Kuldeep Samberwal
“Dliton ko bahan-bhai btaya jayega
Har gali mohlle mein nahlaya jayega
Aisa lagne lagega jaise ki ye hi upar vala hai”
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