Poetry in Hindi Selfish Rishte-Nate | मतलब के रिश्ते-नाताँ का दौर चाल पड्या

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Matalab Ke Rishte

मतलब के रिश्ते-नाताँ का दौर-Truth Hindi Poem Matalabi:- आज के इस मतलबी दौर में प्यारे दोस्तों रिश्ते और नाते वह अब पहले जैसे नहीं रहे हैं। अब हर कोई अपने स्वार्थ और मतलब के पीछे भाग-दोड़ करता दिखाई दे रहा है। इंसानियत और सच्चाई की जगह मतलबी रिश्तों ने कुछ इस प्रकार ले ली है की अब किसी सचे इंसान पर भी विश्वास करना मुस्किल होता जा रहा है।

इसी मतलबी दुनिया से अलग होकर जब कोई इंसान सुकून और शांति की तलाश में निकलता है तो वो अपने गांव या उस जगह की ओर रुख करता है जहां उसे सच्चे रिश्ते और अपनेपन का एहसास होता हो जहाँ सब उन्हें आदर के भाव से देखे न की मतलब की भावना से।

आइये प्यारे दोस्तों अब इस हिंदी की बेहतरीन कविता “मतलब के रिश्ते-नाताँ का दौर ” को पढ़ते है

“जाते-जाते तनै कुछ कहणा चाहूं सू
मेरे पाछे कदे किसे और कि होज्य तनै कसम खुआणा चाहूं सू
देखे कसम तोड़ ना दिये तेरे प विश्वास जताऊं सू
बस तेरी सलामती खातर मैं तेरा दिल तोड चाल पड्या..”

Selfish People Quotes-मतलब के रिश्ते-नाताँ का दौर

मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या
तेरा शहर छोड़ मैं गाम कि ओर चाल पड्या..

यो हवा,पाणि,अर तेरे यारे-प्यारे सब मेरे खिलाफ है
मैं तो फुर्सत कि जिंदगी जीणियाँ कि महफिल में चाल पड्या..
मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या

मानूं सू तेरे लाडा का लाडा थोड़ा गणाऐ होग्या था
इब के बताऊँ बैरण मैं तो इन लाडा त दूर चाल पड्या..
मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर सा चाल पड्या

तेरे दिल के दर्द न समझणा चाहूं था
तेरे गेल बैठ कै लाम्बे बक्त बतलाणा चाहूं था
अर इब कुछ ना समझ आरया मैं किस ओर चाल पड्या..
मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या

जाते-जाते तनै कुछ कहणा चाहूं सू
मेरे पाछे कदे किसे और कि होज्य तनै कसम खुआणा चाहूं सू
देखे कसम तोड़ ना दिये तेरे प विश्वास जताऊं सू
बस तेरी सलामती खातर मैं तेरा दिल तोड चाल पड्या..
लग है मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या

इस दीप लोहारी कि बातां मै मत ना आइये
यो झूठा,फरेबी लागे है मनैं
मैं तो इस गंदे कि जान लेण चाल पड्या..

मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या
तेरा शहर छोड़ मैं मेरे गाम कि ओर चाल पड्या..
मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या

~कुलदीप सभ्रवाल

“यो हवा,पाणि,अर तेरे यारे-प्यारे सब मेरे खिलाफ है
मैं तो फुर्सत कि जिंदगी जीणियाँ कि महफिल में चाल पड्या..
मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या”

इस कविता के माध्यम से जीवन के उस पहलू को उजागर किया गया है जहां रिश्ते-नाते केवल स्वार्थ तक सीमित हो गए हैं। जब इंसान को अपने आसपास कोई अपनापन दिखलाई नहीं देता है तो वह उन जगहों की ओर लौटता है जहां उसे सच्चाई और शांति का अनुभव होता है। गांव और प्राकृतिक माहौल में उसे वह सुकून मिलता है जो शहर की चकाचौंध में खो गया था।

नोट :-

मेरे प्यारे दोस्तों और भी बेह्तरीन हिंदी,हरियाणवी,तथा अन्य भाषओं में प्रेरक,सामाजिक,प्रेम,एकतरफा प्यार और ब्रेकअप,जीवन शैली आदि पर लिखी गई,काव्य,कविता ( Poetry in Hindi Matalab Ke Rishte-Natan | मतलब के रिश्ते-नाताँ का बैरण दौर चाल पड्या ) और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी साईट पर आपका स्वागत है अगर आपको पढ़ने के बाद कोई पोस्ट अच्छी लगे तो प्लीज पोस्ट को शेयर और कमेंट करके हमे जरुर बताए!
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Matalab Ke Rishte-Nata ka Daur
Poetry in Hindi Matalab Ke Rishte-Natan

Best Poem in Hindi Selfish Rishte Quotes

Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya
Tera Shahar Chhod Main Gaam Ki Or Chal Padya..

Yo Hawa,Paani,Ar Tere Yare-Pyare Sab Mere Khilaf Hai Hoge
Main To Fursat Ki Jindagi Jeeniya Ki Mahafil Mein Chal Padya..
Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya

Manu Su Tere Lada Ka Lada Ganaye Hogya Tha
Ib Ke Batau Bairan Main To In Lada Ta Door Chal Padya..
Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya

Tere Dil Ke Dard N Samajhna Chahoon Tha
Tere Gel Baith Kai Lambe Bakt Batalana Chahoon Tha
Ar Ib Kuchh N Samajh Aarya Main Kis Or Chal Padya..
Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya

Jate-Jate Tane Kuchh Kahna Chahoon Su
Mere Pachhe Kade Kise Aur Ki Hoje Tane Kasam Khuana Chahoon Su
Dekhe Kasam Tod Na Diye Tere P Vishvas Jatau Su
Bas Teri Salamati Khatar Main To Tera Dil Tod Chal Padya..
Lag Hai Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya

Is Deep Lohari Ki Baatan Mai Mat Na Aaiye
Yo Jhootha,Farebi Laage Hai Mane Yu
Main To Is Gande Ki Jaan Len N Chal Padya..

Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya
Tera Shahar Chhod Main Gaam Ki Or Chal Padya..
Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya

Write By:~ Kuldeep Samberwal

“Matalab Ke Rishte-Natan Ka Bairan Daur Chal Padya
Tera Shahar Chhod Main Gaam Ki Or Chal Padya”

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