Poem on “Berojgari Mai Yaari” in Hindi | हिन्दी कविता “बेरोजगारी मै यारी“जब हम जिंदगी में कभी-कभी बहुत अधिक मेहनत करने के बाद भी सफ़ल नही हो पाते है और हमारे दोस्त कही जॉब लग जाते है तब कोई-कोई दोस्त ही उस टाइम पर साथ देता है और कोई हमे खुद पर बोझ समझ कर दूर होने लग जाता है ऐसे टाइम पर सची दोस्ती का पता चलता है।
जब हम अकेले पड़ जाते हैं ठीक ऐसी परिस्थिति को महसूस करते हुए ये हिन्दी कविता लिखी गई है,जिसके शीर्षक को पढ़ कर ही आपको अंदाजा लग गया होगा कि किस सिचुएशन को देखते हुए ये कविता लिखी गई है।
बेहद बार जिन्दगी में जब किसी माँ-बाप कि ओलाद जवान होने के बाद कामयाब हो करके कही दूर चली जाती है और दूसरी तरफ उसके माँ-बाप लाचारी कि हालात में होते है तब ऐसे समय पर ही अच्छी और बुरी ओलाद का पता चल पता है सिर्फ उस एक बेटे की जरूरत होती है जो उन्हें इस समय पर सम्भाल सके। दुनिया में सबसे अद्भुत तथा अनोखा बंधन माँ-बाप और दूसरा दोस्ती का ही होता है चाहे सुख हो या दुख,अच्छी ओलादे तथा साथी हमेशा आपका साथ देते हैं और कभी छोड़कर नही जाते है।
इन्हीं सभी बातों को एक कविता के माध्यम से हमने कुछ बताने की छोटी सी कोशिश की है तो आइए देखते हैं….
बेरोजगारी मै यारी-Berojgari Mai Yaari
बेरोजगारी मै सच्ची यारी का पता लागै है
माँ-बाप की लाचारी मै
आच्छी-मांडी ओलाद का पता लागै है..
जद घर मै बैठी हो छोरी कुवाँरी
दहेज़ नाम भी बहुत बुरा लागै है
लेकिन छोरया के ब्याह मै यो क्यूँ
सब ने शहद की तरियाँ लागै है..
माँ-बाप की लाचारी मै
आच्छी-मांडी ओलाद का पता लागै है
इस नफरत भरे समाज में
दामन बहोतां का दागदार हो रह्या है
अर सोचण कि बात है सब ने अपना-अपना खंडका
बहोते प्यारा लागै है..
माँ-बाप की लाचारी मै
आच्छी-मांडी ओलाद का पता लागै है
ये इंसान उड़ण के सपने देंखे सै
मगर आसमान में उड़दे परिंदे
बेरया नी क्यूँ इन्नै इतने मांडे लागै है..
माँ-बाप की लाचारी मै
आच्छी-मांडी ओलाद का पता लागै है
यो दीप लोहारी आला
बडी-बडी बात मारया करदा
इब इसने अपनी जिंदगी किस तरियां हारी-हारी लागै है..
माँ-बाप की लाचारी मै
आच्छी-मांडी ओलाद का पता लागै है.!!
~कुलदीप सभ्रवाल
Note:-
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“Maa-Baap Kee Laachari Mai Aachi-Madi Olaad Ka Pata Laage Hai”
Berojgari Mai Yaari–बेरोजगारी मै यारी
Berojagari Mai Sachi Yaari Ka Pata Laage Hai
Maa-Baap Kee Laachari Mai Aachi-Madi Olaad Ka Pata Laage Hai..
Jad Ghar Mai Baithi Ho Chhori Kuvare Dahez Naam Bhi Bahut Bura Laage Hai
Lekin Chhorya Ke Byaah Mai Yo Kyoon Sab Ne Sahad Kee Tariya Laage Hai
Maa-Baap Kee Laachari Mai Aachi-Madi Olaad Ka Pata Laage Hai…
Es Napharat Bhare Samaaj Mei Daaman Bahotan Ka Dagadaar Ho Rahya Hai
Ar Sochan Ki Baat Hai Sab Ne Apana-Apana Khandka Bahote Pyara Laage Hai Maa-Baap Kee Laachari Mai Aachi-Madi Olaad Ka Pata Laage Hai…
Ye Insan Udan Ke Sapane Denkhe Sai
Magar Aasaman Mei Udade Parinde
Beraya Ni Kyoon Innai Itane Made Laage Hai
Maa-Baap Kee Laachari Mai Aachi-Madi Olaad Ka Pata Laage Hai…
Yo Deep Lohari Aala Badi-Badi Baat Maraya Karada
Ib Isane Apani Jindagi Kis Tariyan Haari-Haari Laage Hai
Maa-Baap Kee Laachari Mai Aachi-Madi Olaad Ka Pata Laage Hai.!!
Write by:-Kuldeep Samberwal
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