Poem on Gau Mata in Haryanvi|हरियाणवी कविता तेरी गौ माता – गाय माता का दुःख:भारतीय संस्कृति और धर्म में गाय, जिसे हम गौ माता के नाम से पूजते हैं, एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है यह हमारी जिम्मेदारी है। वह न सिर्फ एक पवित्र पशु है, बल्कि हमारी गाय हमारे खेती-किसानी, दूध उपज, और आजीविका का भी एक महत्वपूर्ण साधन है।
लेकिन आज हमारी गौ माता की स्थिति बहुत दुखद और चिंताजनक है। अक्सर हम देखते हैं कि उन्हें उचित देखभाल और आदर नहीं मिल पाता है। वे सड़कों पर भटकती हैं और कचरे में अपना भोजन ढूंढते हुए दिखती हैं, जो कि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।
*र भले मानसो थारे रहते या थारी गौ माता कुकर दर-दर भटकण लागी र,या गौ माता आज कुडाकरकटक तक चरण लागी र*
इन पंक्तियों में हमें हमारे समाज की वास्तविकता दिखाई देती है। आज हम सुख-सुविधाओं में जीवन बिता रहे हैं, लेकिन हमारी गाय माता दर-दर भूखी-प्यासी ठोकरें खा रही है।
गाय के प्रति हमारा प्रेम और सम्मान सिर्फ धार्मिक उत्सवों और अनुष्ठानों तक सीमित है। हम उसे सिर्फ एक दिन पूजा करते हैं और फिर भूल जाते हैं कि वह भी हमारे ध्यान की हकदार है। हम गौ माता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और उसे एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देते हैं।
यदि हम चाहते हैं कि हमारी संस्कृति और परंपराओं का सही मायने में सम्मान हो, तो हमें अपने कर्तव्यों को पालन करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी गाय माता को सही से चारा, इलाज और सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके लिए समाज के हर सदस्य को गायों के प्रति जागरूकता दिखानी होगी।
गाय माता हमारी सांस्कृतिक, धार्मिक और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है। हम उसकी सुरक्षा और सम्मान करने के लिए पूर्ण रूप बाध्य हैं। हम सभी को मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारी गाय माता को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देंगे और उसे कभी भी दर-दर की ठोकरें नहीं खाने देंगें।
अब समय है कि हमें अपनी संस्कृति और रिवाजों का सम्मान करते हुए गाय माता की सेवा और सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।
इन्हीं सभी बातों को एक हरयणवी कविता के माध्यम से हमने कुछ बताने की कोशिश की है तो आइए देखते हैं….
गौ माता कुकर दर-दर भटकण लागी र-Poem on Gau Mata in Haryanvi
र भले मानसो थारे रहते या थारी गौ माता
कुकर दर-दर भटकण लागी र
थारी आँख्यां कै आगे थारे कारण
या गौ माता आज कुडाकरकटक तक चरण लागी र…
ऊंचे-ऊंचे तकता प चड क कितना कुछ सुनादो सो
बडे-बडे भाषण देके अर गा-गा के रागनी
कितना फतुर मचा दो सो,
घर आई गाँ न मार-मार लाठी किसी दुसरी गाल डिगा दो सो
गौसाला कै नाम प सारा पैसा घर अपणे डिगा जो सो,
देखो हिन्दुओं कितना दर्द या गौ माता सहण लागी र..
र भले मानसो थारे रहते या थारी गौ माता
कुकर दर-दर भटकण लागी र
थारी आँख्यां कै आगे थारे कारण
या गौ माता आज कुडाकरकटक तक चरण लागी र…
धार्मिक प्रोग्राम बताके गऊआँ के नाम की पर्ची बनान लागे र
देके लालच चंद रपियाँ का गंदा नाच छोरियाँ प कराण लागे र
एक तरफ ओड क जामा गऊ बचाण का
बहान बेटियाँ कि इज्ज़त खोण लागे र…
र भले मानसो थारे रहते या थारी गौ माता
कुकर दर-दर भटकण लागी र
थारी आँख्यां कै आगे थारे कारण
या गौ माता आज कुडाकरकटक तक चरण लागी र…
बणके हिन्दू क्यूँ हिन्दू धर्म न थाम बदनाम करो सो
गऊ न कह के माता, क्यूँ फैर थाम इन प वार करो सो
थारी देख क नियत अब गऊ माता भी रोवण लागी र…
र भले मानसो थारे रहते या थारी गौ माता
कुकर दर-दर भटकण लागी र
थारी आँख्यां कै आगे थारे कारण
या गौ माता आज कुडाकरकटक तक चरण लागी र.!!
~कुलदीप संभ्रवाल
Note:-
इसी तरह और भी बेहतरीन-बेहतरीन हिंदी, हरियाणवी, या पंजाबी भाषा मे प्रेरक, सामाजिक, प्रेम, एकतरफा प्यार, और ब्रेकअप, जीवन शैली आदि में लिखी गई, काव्य कविता और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारी साइट Sapnokdiary.com/ पर आपका स्वागत है अगर आपको पढ़ने के बाद कोई भी Post अच्छी लगे तो Please Post को ,शेयर,लाइक और कमेंट करे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद हमारी साइट(Sapnokidiary.com) पर Visit करने के लिए…
Poem on Gau Mata in Haryanvi
R Bhle Manaso Thare Rhate ya Thari Gau Mata Kukar Dar-Dar Bhatakan Laagi R Thari Aankhyan Kai Age Thare Karan Ya Gau Mata Aaj Kuda-Karkatak Tak Charan Lagi R..
Unche-Unche Takata Pa Chad Ka Kitana Kuchh Sunado So
Bade-Bade Bhashan Deke Ar Ga-Ga Ke Raagani Kitana Fitur Macha Do So,
R Bhle Manaso Thare Rhate Ya Thari Gau Mata Kukar Dar-Dar Bhatakan Laagi R
Thari Aankhyan Kai Age Thare Karan Ya Gau Mata Aaj Kuda-Karkatak Tak Charan Lagi R..
Ghar Aai Gau N Mar-Mar Laathi Kisee Dusari Gaal Diga Do SoGausala Kai Naam P Sara Paisa Ghar Apane Diga Jo So, Dekho Hinduon Kitana Dard Ya Gau Mata Sahan Laagi r…
R Bhle Manaso Thare Rhate Ya Thari Gau Mata Kukar Dar-Dar Bhatakan Laagi R
Thari Aankhyan Kai Age Thare Karan Ya Gau Mata Aaj Kuda-Karkatak Tak Charan Lagi R..
Dharmik Program Batake Gauan Ke Naam Ki Parchi Banan Laage R
Deke Laalach Chand Rapiyan Ka Ganda Nach Chhoriyan Pa Karan Laage R,
Ek Taraph od K Jaama Gau Bachan Ka Bahaan Betiyan Ki Ijzat Khon Laage R…
R Bhle Manaso Thare Rhate ya Thari Gau Mata Kukar Dar-Dar Bhatakan Laagi R Thari Aankhyan Kai Age Thare Karan Ya Gau Mata Aaj Kuda-Karkatak Tak Charan Lagi R..
Banake Hindu Kyoon Hindu Dharm N Tham Badanam Karo So Gau N Kah Ke Mata,
Kyoon Phair Thaam In Pa Vaar Karo So Thari Dekh K Niyat Ab Gau Mata Bhi Rovan Laagi R..
R Bhle Manaso Thare Rhate Ya Thari Gau Mata Kukar Dar-Dar Bhatakan Laagi R
Thari Aankhyan Kai Age Thare Karan Ya Gau Mata Aaj Kuda-Karkatak Tak Charan Lagi R..
Write by:-Kuldeep Samberwal
हमारे द्वारा Friendship पर लिखी गई यह हिंदी कविता कैसे लगी प्लीज दोस्तो शेयर एंड कमेंट करके जरूर बताये ताकि हम और बेहतरीन-बेहतरीन कविता लिख सके | और भी पढ़े:- https://sapnokidiary.com/friendship-day-2024-wishes-in-hindi/
“र भले मानसो थारे रहते या थारी गौ माता कुकर दर-दर भटकण लागी र थारी आँख्यां कै आगे थारे कारण या गौ माता आज कुडाकरकटक तक चरण लागी र”
Read More:-
- Romantic Poetry in Hindi Nafarton Ke Daur Me Pyaar
- Love And Life Poetry in Hindi Jindagi Kee Kitaab | Sardi Ki Sheet Hava
- Sawle Se Rang Ka Chhora Love Poetry in Hindi | सावले से रंग का छोरा
- Desh Bhakti Poem in Hindi Meri Aankhan Mai Pani Aa Gaya Laadle Rai
- Motivational Poem in Hindi Berojgari | रै बेरोजगारी नै तुड़वा दी रै यारी