Jab Koi Haryanvi Kah Kar Bulata Hai | मुझे हरियाणवी कह कर बुलाता है:- हरियाणा की मिट्टी में एक अनोखी और अलग ही खुशबू बसी हुई है जो हर किसी के दिलों को छूने का काम करती है। यहाँ की संस्कृति की जड़ें बेहद गहरी हैं जो मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास से भरी हुई दिखाई देती हैं। जब हम हरियाणा धरती पर कदम रखते हैं तो एक अद्भुत शक्ति का अनुभव होता है जो हमें हमारे इतिहास और परंपराओं से जोडे रखती है।
इस धरती की सुंदरता केवल प्राकृतिक रूप से ही नहीं बल्कि यहां के लोगों की सादगी और गर्मजोशी में आपको हर जगह देखने को मिलेगी जो एक अलग ही प्रकार के देसी लोगों ने अपने खान-पान और रहन -सहन के तोर तरीको से बना ली है। हरियाणवी लोक संगीत, नृत्य और त्योहार हमें अपनी संस्कृति की जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। यहाँ की खुशियों में एक खास बात और अलग ही अहसास होता है सच्ची मित्रता और भाईचारा, जो हरियाणा और हरयाणवी लोगों की पहचान बन चूका है।
हमारे प्यारे से हरियाणा की पहचान न केवल खेतों की इस मनमोहक हरियाली है, बल्कि यहां के खेल कुस्ती,कबडी,हरयाणवी बोली,हसी-मजाक से भरे माहौल से भी हैं। और विशेष तोर से देखा जाये तो दूध-दही जैसा देसी खाना और यहां की परंपराएँ मिलकर एक ऐसा वातावरण तैयार करती हैं जहाँ आने वाले हर अतिथि को यहां अपनापन महसूस होता है। इस धरती के प्रति लोगों का जो प्रेम है वही हरियाणा को एक पहचान देने का काम करता है।
“बडे़ ही मेहनती लोग यहाँ के
सबसे अलग संजोग यहाँ के
भला ऐसी मिट्टी से कौन जुदा रह पाता है
बड़ा ही अच्छा लगता जब कोई मुझे हरियाणवी कह कर बुलाता है”
आइये प्यारे दोस्तों अब इस हिंदी की बेहतरीन कविता “हरियाणवी कह कर बुलाता है” को पढ़ते है
खुशबू आती है मुझे मेरी मिट्टी से
और लगता है जैसे इस मिट्टी में खुदा रहता है
बड़ा ही अच्छा लगता जब कोई मुझे हरियाणवी कहता है..
बडे़ ही मेहनती लोग यहाँ के
सबसे अलग संजोग यहाँ के
भला ऐसी मिट्टी से कौन जुदा रह पाता है
बड़ा ही अच्छा लगता जब कोई मुझे हरियाणवी कह कर बुलाता है..
सिंपल साधा बाणा यहाँ का
दुध दही का खाणा यहां का
और ट्यूबल निचे नहाणा यहाँ का
सबको बहुत पसंद आता है
बड़ा ही अच्छा लगता जब कोई मुझे हरियाणवी कह कर बुलाता है..
बैलगाड़ी दोड़ाना यहाँ का,होकर इक्ट्ठी,औरतों का गीत गाणा यहाँ का
कुश्ती जैसा मस्त खेल यहाँ का
जो देखले एक बार वो भुला नहीं पाता है
बड़ा ही अच्छा लगता जब कोई मुझे हरियाणवी कह कर बुलाता है..
गांव, मोहल्ला, शहर यहाँ का
साफ और सुंदर माहोल यहाँ का
ना कोई किसी का दिल यहाँ दुखाता है
इसलिए आने वाले हर अतिथि का दिल यहां लग जाता है
बड़ा ही अच्छा लगता जब कोई मुझे हरियाणवी कह कर बुलाता है.!
~कुलदीप सभ्रवाल
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Haryanvi Poem Jab Koi Haryanvi Kah Kar Bulata Hai
Khushaboo Aati Hai Mujhe Meri Mitti Se
Aur Lagta Hai Jaise Is Mitti Mein Khuda Rahta Hai
Bada Hi Achchha Lagta Jab Koi Mujhe Haryanvi Kahta Hai..
Bade Hi Mehanati Log Yahan Ke Sabse Alag Sanjog Yahan Ke
Bhla Aisee Mitti Se Kaun Juda Rah Pata Hai
Bada Hi Achchha Lagta Jab Koi Mujhe Haryanvi Kah Kar Bulata Hai..
Simpal Sadha Bana Yahan Ka Dudh Dahi Ka Khana Yahan Ka
Aur Tuabal Niche Nahana Yahan Ka Sabko Bahut Pasand Aata Hai
Bada Hi Achchha Lagta Jab Koi Mujhe Haryanvi Kah Kar Bulata Hai..
Bailgadi Dodana Yahan Ka
Hokar Iktthe Aurton Ka Git Gana Yahan Ka
Kushti Jaisa Mast Khel Yahan Ka
Jo Dekhle Ek Bar Vo Bhula Nahi Pata Hai
Bada Hi Achchha Lagta Jab Koi Mujhe Haryanvi Kah Kar Bulata Hai..
Gaav,Mohalla, Shahar Yahan Ka
Saaf Aur Sundar Mahol Yahan Ka Na Koi Kisi Ka Dil Yahan Dukhata Hai
Isaliye Aane Wale Har Atithi Ka Dil Yahan Lag Jata Hai
Bada Hi Achchha Lagta Jab Koi Mujhe Haryanvi Kah Kar Bulata Hai.!
Write by~Kuldeep Samberwal
हरियाणवी कह कर बुलाता है | Click Now |
“Khushaboo Aati Hai Mujhe Meri Mitti Se
Aur Lagta Hai Jaise Is Mitti Mein Khuda Rahta Hai
Bada Hi Achchha Lagta Jab Koi Mujhe Haryanvi Kahta Hai”
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