Sawle Se Rang Ka Chhora Love Poetry in Hindi | सावले से रंग का छोरा

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Sawle Se Rang Ka Chhora Love Poetry in Hindi

सावले से रंग का छोरा | Love Poetry in Hindi Sawle Se Rang Ka Chhora:- मेरे प्यारे दोस्तों कभी-कभी दिल किसी के बाहरी रंग-रूप को देखकर नहीं बल्कि उसकी सच्ची भावनाओं और दिल की गहराइयों को देखकर उस पर मर-मिटने को तैयार हो जाता है। यह बेहतरीन हिंदी कविता भी ऐसे ही एक सच्चे प्यार का एहसास दिलाती है जहाँ एक व्यक्ति के काले रंग से परे उसकी आत्मा की सुंदरता को महसूस करते हुए कोई प्यारा सा इंसान उससे प्यार करने लग गया है।

इस कविता में एक दिल की गहराइयों में बसे उस सावले रंग के प्यारे से इंसान का जिक्र किया गया है जिसने अपनी सादगी और प्यार गहराई से किसी के दिल को जीत लिया है। उसकी बातों में इतनी मिठास और प्यार था कि सामने वाला उसके हर शब्द में अपने आपको खोता ही चला गया। काले-गोरे रंग को लेकर समाज में चाहे जो भी धारणा हो लेकिन जब दिल किसी पर आना होता है तो वह इन सब बातों को कहाँ देखता है। सचे और अछे प्यार में रंग कोई मायने नहीं रखता है।

इस कविता के माध्यम से उस सच्चे प्यार का भाव साफ-साफ झलकता हुआ दिखाई देता है,जो केवल बाहरी सुंदरता से नहीं बल्कि दिल की खूबसूरती से दिल को दिल से जोड़ने का काम करता है।

“तेरी चाहत पे कुरबान हुँ मैं
अगर मैं खुद भी तेरी चाहत होता
तो मैं तब भी तुझ पर ही हर पल कुरबान होता”

प्यारे दोस्तों पढ़ते है इस बेहतरीन हिंदी कविता को जो सच्चे प्यार में रंग-रूप को न देखते हुए उसके हर सुंदर पहलु को बयाँ कर रही है…

सावले से रंग का छोरा मेरे दिल में बस कै बैठ ग्या

मेरे काले रंग नै देख कै वो दिल का काला हो गया
एक सावले से रंग का छोरा मेरे दिल में बस कै बैठ ग्या..

उसकि बातां में गहराई थी
इसिलिए मरजाणे कि बातां में मैं आई थी
इब के करूं वो तो जमाये दिल में जच कै बैठ ग्या
एक सावले से रंग का छोरा मेरे दिल में बस कै बैठ ग्या..

शहजादे जैसी हरकत लेरया
अर सिल्वर से बुलेट कै थोड़ी आच्छी सी रेस देरया
उसका इतना प्यारा टोरा मनैं तो ले कै बैठ ग्या
एक सावले से रंग का छोरा मेरे दिल में बस कै बैठ ग्या..

शक्ल अर सुरत तै हरियाणवी सा लागै था
अर धोले-कूरते पजामे मै फैन भोले का लागै था
उसके होका पिण का स्टाईल मेरे तो कालजे मै बैठ ग्या
एक सावले से रंग का छोरा मेरे दिल में जच कै बैठ ग्या..

जुल्म करणियाँ वो लागता ना
अर यारां कि टोली तै भाजणियाँ वो लागता ना
रै दीप लोहारी आले मेरे तो यो छोरा नश-नश मै
बस कै बैठ ग्या
एक सावले से रंग का हरियाणवी छोरा
मेरे दिल में जच कै बैठ ग्या..
मेरे दिल में जच कै बैठ ग्या.!

~कुलदीप संभ्रवाल

इस कविता के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि असली सुंदरता किसी के दिल में होती है ना कि उसके रंग रूप में। रंग चाहे कैसा भी हो दिल की गहराई और भावनाओं का जादू ही सबसे खूबसूरत होता है। सावला रंग भी जब दिल की खूबसूरती में ढल जाए तो उसका जादू हर किसी के दिल में उतर जाता है।

यह कविता सच्चे प्यार की भावना को साफ और स्पष्ट शब्दों में बया करने का काम कर रही है जहाँ एक सावले रंग के व्यक्ति ने अपनी सादगी और दिल की गहराइयों से किसी के दिल में जगह बनाने का और उसको को छू लेने का काम किया है।

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“शक्ल अर सुरत तै हरियाणवी सा लागै था
अर धोले-कूरते पजामे मै फैन भोले का लागै था
उसके होका पिण का स्टाईल मेरे तो कालजे मै बैठ ग्या”

Sawle Se Rang Ka Chhora
Sawle Se Rang Ka Chhora Love Poetry in Hindi

Sawle Se Rang Ka Chhora Love Poetry in Hindi

Mere Kale Rang Nai Dekh Kai Vo Dil Ka Kala Ho Gaya
Ek Sawle Se Rang Ka Chhora Mere Dil Mein Bas K Baith Gaya..

Usaki Batan Mein Gaharai Thi
Isiliye Marjane Ki Batan Mein Main Aai Thi
Ib Ke Karu Vo To Jamaye Dil Mein Jach K Baith Gaya
Ek Sawle Se Rang Ka Chhora Mere Dil Mein Bas K Baith Gaya..

Shahajade Jaisi Harkat Lerya
Ar Silvar Se Bulet K Thodi Aachchhi Si Res Derya
Usaka Itana Pyara Tora Mane To Le K Baith Gaya
Ek Sawle Se Rang Ka Chhora Mere Dil Mein Bas K Baith Gaya..

Shakl Ar Surat Tai Hariyanavi Sa Lage Tha
Ar Dhole-Kurate Pajame Mai Fain Bhole Ka Lage Tha
Usake Hoka Pin Ka Style Mere To Kalaje Mai Baith Gaya
Ek Sawle Se Rang Ka Chhora Mere Dil Mein Bas K Baith Gaya..

Julm Karniyan Vo Lagata Na
Ar Yaara Ki Toli Tai Bhajaniya Vo Lagata Na
Rai Deep Lohari Aale
Mere To Yo Chhora Nash-Nash Mai Bas Kai Baith Gaya
Mere Kale Rang Nai Dekh Kai Vo Dil Ka Kala Ho Gaya
Ek Sawle Se Rang Ka Chhora Mere Dil Mein Bas K Baith Gaya..

Write by:~Kuldeep Samberwal

“हर कोशिश मेरी बेकार हो जाती है
मैं जान तक लड़ा देता हूँ तब भी हार हो जाती
काश तुमसे कभी मिल लेता यूं ना कभी होता”

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